नवरात्रि में प्रथम दिन से लेकर के 9 वें दिन तक शक्ति के रूप में माताओं की पूजा होती है जिसमें प्रथम दिन शैलपुत्री दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी और तीसरे दिन चंद्रघंटा माता के व्रत स्मरण और उपासना के बारे में आज का यह वीडियो है।
शेर पर सवार चंद्रघंटा माता साहस आत्मबल एवं दृढ़ इच्छा शक्ति की देवी है।
इन्होंने असुरों के संघार के लिए अपना रूप असुर विनाशक बनाया था।
10 भुजाओं वाली माता के सभी हाथों में संघार के अस्त्र-शस्त्र हैं जिनके स्मरण से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
शेर पर सवार चंद्रघंटा माता साहस आत्मबल एवं दृढ़ इच्छा शक्ति की देवी है।
इन्होंने असुरों के संघार के लिए अपना रूप असुर विनाशक बनाया था।
10 भुजाओं वाली माता के सभी हाथों में संघार के अस्त्र-शस्त्र हैं जिनके स्मरण से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
शेर पर सवार चंद्रघंटा माता ने किया था महिषासुर राक्षस का संहार। आराधना से मिलते हैं ये फल। braj bhushan iitk | |
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Non-profits & Activism | Upload TimePublished on 8 Apr 2019 |
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